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एक इंजीनियर ने फेसबुक की इस कमी का पता लगाने के लिए लाखों की संख्या में रैंडम्ली जेनरेट किए हुए मोबाइल नंबर्स को फेसबुक के एपीआई पर सर्च किया और बदले में उसे इतने ही रिजल्ट भी मिले। इस बात की जानकारी उसने फेसबुक को भी दी है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
फेसबुक पर नया प्रोफाइल पेज बनाने वालों से प्रोफाइल पिक्चर के साथ ही मोबाइल नंबर भी जोड़ने के लिए कहा जाता है। हालांकि पुराने यूजर्स को भी नियमित रूप से इस बात के अलर्ट मिलते रहते हैं कि वे अपना मोबाइल नंबर जोड़ लें। ऐसा करने पर कोई भी फेसबुक यूजर (आपकी फ्रेंडलिस्ट से बाहर के यूजर्स) आपकी पिक्चर, लोकेशन और जानकारी को हासिल कर सकता है। यदि आपने प्राइवेसी सेटिंग में अपने प्रोफाइल को हाइड कर दिया है तब भी आपकी तस्वीर को देखा जा सकता है।
पिछले कुछ समय से फेसबुक पर मिलने वाली जानकारियों का दुरुपयोग करने वाले गैंग भी सक्रिय हैं। ये आपकी तस्वीरों, नाम, फोन नंबर, शैक्षिक इतिहास और लोकेशन की जानकारी को असामाजिक लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं। हैकर्स भी इस तरह की जानकारी का उपयोग करते रहते हैं।
एक साइबर सिक्योरिटी फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा समय में फेसबुक तथा ट्विटर के अकाऊंट, किसी बैंक खाते या क्रैडिट कार्ड से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं और इनकी सुरक्षा आवश्यक हो गई है। एजैंसी का कहना है कि फेसबुक को इस खामी के बारे में बताए जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। इस वजह से लगभग 1.44 बिलियन यूजर्स की जानकारी हैकर्स के लिए खुले रूप में उपलब्ध है।
साभार: पंजाब केशरी